रायपुर में रेप करने और रेप की कोशिश करने के दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। एक मामले में आरोपी किशोरी को भगाकर हैदराबाद ले गया था और वहां उसने पीड़िता के साथ रेप किया था। उस मामले में कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है।
HighLights
- मदद करने वाले दोषी के माता-पिता और दोस्त को भी पांच-पांच वर्ष की सजा।
- किशोरी के पुनर्वास के लिए 5 लाख देने की अनुशंसा, सुनवाई जज राकेश ने की।
- एक अन्य मामले में बच्ची से रेप की कोशिश करने के आरोपी को 5 साल की जेल।
रायपुर। किशोरी को विवाह करने का झांसा देकर भगाकर ले जाने और दुष्कर्म करने वाले 20 वर्षीय बजरंगनगर के रवि देवांगन उर्फ राजू को कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं, किशोरी को भगाकर ले जाने में रवि की मदद करने पर उसकी मां सरस्वती बाई, पिता परदेशी राम देवांगन और दोस्त गांधीनगर, बिरगांव (उरला) निवासी जितेंद्र देवांगन को पांच-पांच साल की कैद सुनाई है।
वहीं, किशोरी के पुनर्वास के लिए पांच लाख देने की अनुशंसा की गई है। प्रकरण की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय (पॉक्सो एक्ट) फास्ट ट्रेक विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने की। विशेष लोक अभियोजक विमला तांडी ने बताया कि बिरगांव निवासी रवि देवांगन उरला थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी को 17 अप्रैल 2018 को भगाकर हैदराबाद ले गया था।
परिजनों ने की थी किशोरी के भगाने में मदद
इस दौरान उसने किशोरी से दुष्कर्म किया। किशोरी के गायब होने पर उनके स्वजन ने उरला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पता चला कि रवि को उसके स्वजन और दोस्त ने किशोरी के साथ भगाकर ले जाने में मदद की थी।
इसे देखते हुए आरोपित युवक सहित उसके माता-पिता और दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान कुल 13 गवाहों के बयान करवाए गए। इसके आधार पर चारों आरोपितों को दोषी ठहराते हुए न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने आरोपित रवि देवांगन को 10 वर्ष की सजा सुनाई। इसी तरह उसका साथ देने वालों को भी सजा सुनाई गई।
बालिका से दुष्कर्म की कोशिश, पांच वर्ष की सजा
वहीं, एक अन्य मामले में पांच महीने पहले मुजगहन इलाके में अबोध बालिका से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले 23 साल के शिव कोसले उर्फ ठिन्नी को कोर्ट ने पांच वर्ष की कैद की सजा दी है। इसके साथ ही उस पर 2,500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
प्रकरण की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय (पॉक्सो एक्ट) फास्ट ट्रेक विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने की। विशेष लोक अभियोजक विमला तांडी ने बताया कि मुजगहन पुलिस थाना क्षेत्र में आरोपित शिव कोसले 21 सितंबर, 2024 को दोपहर तीन बजे अबोध बालिका को खिलाने के बहाने अपने साथ पास के बाड़ी में ले गया था।
इस दौरान उसने मारपीट कर बालिका से दुष्कर्म करने की कोशिश की। बालिका के रोने की आवाज सुनकर स्वजन और पड़ोसियों के पहुंचने पर आरोपित वहां से फरार हो गया। शिकायत पर प्रकरण की जांच करने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
11 गवाहों के कराए गए थे बयान
इसके बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में 11 गवाहों के बयान करवाए गए। पुलिस की ओर से पेश किए गए ठोस सुबूत और गवाहों के बयान के आधार पर न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने आरोपित को दोषी ठहराते गया।
लैगिंग अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम में पांच वर्ष सश्रम कारावास, पांच सौ रुपये अर्थदंड, धारा 354, 354(क), धारा 354(ख) में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास, धारा 323 में छह माह का सश्रम कारावास के साथ प्रत्येक धाराओं में पांच-पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया।
अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपित को प्रत्येक धाराओं में एक-एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। साथ ही न्यायाधीश ने पीड़ित बालिका को एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा की है।
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