Republic Day 2025: बस्तर संभाग के 4 जिलों के कुल 26 गांवों में रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार तिरंगा लहराया गया और यहां के ग्रामीणों ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय पर्व मनाया.
बस्तर संभाग में सभी पुलिस कैंप एक समग्रित विकास केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं. इन सभी 26 गांवों में आजादी के बाद स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उत्साहपूर्वक पहली बार राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर शान से तिरंगा फ़हराया गया और सभी ग्रामीणों ने तिंरगे को सलामी दी.

दरअसल यह इलाका कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था, जिस वजह से यहां के ग्रामीण नक्सलियों के भय से गणतंत्र दिवस और स्वंतत्रता दिवस पर तिरंगा नहीं लहराते थे.

नक्सली इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते थे, लेकिन जवानों के बुलंद हौसले ने और बस्तर पुलिस की बेहतर रणनीति से अब इन इलाकों में धीरे-धीरे नक्सली बैक फुट पर हैं, जिसके चलते यहां के ग्रामीण भय मुक्त होकर आजादी का पर्व धूमधाम से मना रहे हैं, जिन 26 गांवों में पहली बार ध्वजारोहण किया गया है उन गांव के ग्रामीणों ने सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के जवानों के साथ गांव में बकायदा तिरंगा रैली भी निकाली.

बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद बस्तर में पैंठ जमाये हुए था. नक्सलियों के भय की वजह से यहां के ग्रामीण कभी देश के राष्ट्रीय पर्व को नहीं मना पाए और ना ही अपने गांव में नक्सलियों के भय की वजह से कभी तिरंगा लहरा पाये.

लेकिन बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात पैरामिलिट्री फोर्स और स्थानीय पुलिस फोर्स के बेहतर तालमेल से चलाये गए एंटी नक्सल ऑपरेशन से न सिर्फ नक्सलियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है.

नक्सली काफी हद तक बैकफुट पर चले गए हैं. कई गांव को बस्तर पुलिस ने नक्सल मुक्त कर दिया है और अब इन गांव में पुलिस कैम्प भी खोले गए हैं. सरकार की एक-एक योजना का लाभ भी ग्रामीणों को मिल पा रहा है.

वहीं इस साल भी गणतंत्र दिवस के मौके पर बस्तर संभाग के 4 जिलों के 26 गांवो में जहां कभी नक्सलियों की हुकूमत चलती थी और यहां नक्सली ग्रामीण के मौजूदगी में काला झंडा फहराते थे और इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते थे अब इन्हीं 26 गांव में जवानों के सुरक्षा के साये में ग्रामीणों ने शान से तिरंगा लहराया है और स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूमधाम से मनाया.

बस्तर संभाग के अंतर्गत 4 जिलों के संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांवों में पिछले कुछ महीनों में कुल 26 नये पुलिस कैम्प स्थापित किये गए हैं, जिसमें जिला-बीजापुर के अंतर्गत गुंडम, फुटकेल, छुटवाही, कोंडापल्ली, ज़िड़पल्ली, वाटेवागु, कर्रेगट्टा, पीड़िया और जिला नारायणपुर के अंतर्गत-कस्तुरमेटा, मसपुर, ईरकभट्टी, मोहंदी, होरादी, गारपा, कच्चापाल, कोड़लियार और जिला-सुकमा के अंतर्गत टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, लखापाल, पूलनपाड़, तुमालपाड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा, मेंट्टागुड़ा और जिला कांकेर के अंतर्गत पानीडोबीर गांव में कैंप स्थापित किए गए हैं.
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